गलतियो से जुदा वोह भी नहीं, मैं भी नहीं
दोनों ही इंसान है।
खुदा मैं भी नहीं, वोह भी नहीं
वोह मुझे और मैं उससे इलज़ाम देते है मगर,
अपने अन्दर झांकता वोह भी नहीं, मैं भी नहीं
गलत्फैमियों ने कर दी दोनों में पैदा दूरिया,
वरना फितरत का बुरा वोह भी नहीं, मैं भी नहीं
इस घुमती जिंदगी में दोनों का सफ़र जरी रहा,
एक लम्हे को रुका मैं भी नहीं, वोह भी नहीं
चाहते दोनों बहुत एक दुसरे को है मगर ,
यह हकीक़त है की मानता वोह भी नहीं, मैं भी नहीं।
wow! really very nice lines.....touched the heart
ReplyDeleteyeah very true!!!!!!!!!!!
ReplyDeleteyehi zindagi hai dosto......koi dusre ko nahi samjhta hai!
ReplyDeletesali zindgi bhi ajeeb hoti hai.....zjise chao wo nahi mlita par jo milta hai uski hume chahat nahi hoti......ha ha ha ha
ReplyDeleteअकेली जा रही थी ज़िन्दगी इन मुश्किल राहों पर
ReplyDeleteहैरान परेशान उदास थक्की हुई
फिर
एक मोर पे आ मिले तुम और बची हुई ज़िन्दगी की
भी वाट लग गयी!!!!!
जिसे दिल दिया वो दिल्ली चली गयी
ReplyDeleteजिसे प्यार किया वो पूना चली गयी
जिसे इश्क किया वो इटली चली गयी
मजबूर होकर सोचा खुदखुशी कर लू
पर बिजली को हाथ लगाया तो बिजली चली गयी।
jhakhas baat hai.......hahaaha
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