सन् 1931 तारीख २७ फेब्रुअरी के दिन भारत ने एक महान सपूत को खो दिया वो महान सपूत कोई और नहीं हमारे आजाद जी थे ।
अपने ही साथी के धोखा देने करे कारण अल्फेर्द पार्क अल्लाहाबाद में पुलिस ने उनको घेर लिया, पर उन्होंने ने सम्रर्पण नहीं किया । वो पुरे हिमत के साथ लङे। उन्होंने सुखदेव राज जो उनके साथ था को उस जगह से भागने में मदद की । दोनों तरफ से गोली चली और घमासान लड़ाई हुआ । अन्त में जब आजाद जी के पास सिर्फ एक गोली बची तो उन्होंने ने उसे मने सर पे मर लिया । उन्होंने कभी न पके जाने की कसम को खुद को मर कर पूरा किया । उनके मरने के बाद भी किसी की हिमत नहीं हुई उनके पास जाने की ।
भारत के इस महान सपूत ने अपने प्राण न्योछावर कर मातृभूमि का क़र्ज़ अदा किया । आज कितनो को पता है की उन्होंने देश केलिए आज ही के दिन प्राण दिया था? आओ हम सब मिलकर आज उस महान सपूत को याद करे जो अपने देश की आज़ादी केलिए मर मिटा । ये आज़ादी उन्ही की देन है सो आज हम उन्हें दिल से याद कर उनके बलिदान को नमन करें ।
आजाद जी मेरे आदर्श है और सदा रहेंगे । चंद्रशेखर आजाद अमर रहे !
आज भारत के महान सुपुत्र चंद्रशेखर आजाद को उनके पुण्यतिथी पर हार्दिक स्रधांजलि।तुम सदा हमारे दिल में रहोगे । चंद्रशेखर आजाद अमर रहे !
— rajeev kumar (@bluelotusrajeev) February 27, 2012
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